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नोएडा-ग्रेटर नोएडा में रहने वाले संदिग्ध 764 लोगों की एलआईयू ने कराई जांच

Noida News: रोंहिग्या और बांग्लादेश के रहने वाले लोगों के खिलाफ लोकल इंटेलिजेंस युनिट (एलआईयू) की लगातार नजर तिरछी बनी हुई है। ऐसे लोगों को पहिचानने के लिए एलआईयू ने एक अभियान
चलाकर जिला गौतमबुद्धनगर में 764 लोगों को संदिग्ध माना है। इनकी भारतीय नागरिका की जांच के लिए एलआईयू ने होम डिस्ट्रिक्ट को एक रिपोर्ट भेजी है। जहां से करीब 100 लोगों की रिपोर्ट
एलाआईयू को मिल गई है। जिसमें अभी तक किसी भी बांग्लादेशी या रोहिंगिया की पुष्टि नहीं हुई है। अभी करीब 664 लोगों की रिपोर्ट का एलाईयू टीम को इंतजार है।

यूपी सरकार ने जांच कराने के दिए थे आदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी जिलों को बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों की जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद से ही एलआईयू ने गौमबुद्धनगर के नोएडा ग्रेटर नोएडा की स्लम
बस्तियों एवं गांव में रहने वाले संदिग्ध लोगों की जांच करनी शुरू कर दी थी। एलआईयू टीम ने उनके घर पर जाकर आधार कार्ड एवं वोटर आईडी कार्ड से जांच की। साथ ही आसपास
के लोगों से भी संदिग्ध लोगों के बारे में पता किया। जिसके आधार पर गौतमबुद्धनगर की एलआईयू टीम ने नोएडा ग्रेटर नोएडा में रहने वाले करीब 764 लोगों की लिस्ट तैयार की थी।

आधार कार्ड और वोटर आईकार्ड में दिए पते की होगी जांच

एलआईयू टीम ने जांच के लोगों लोगों से उनका होम डिस्ट्रिक्ट पूछा, साथ ही उनके आधार कार्ड एवं वोटर आईकार्ड भी लिए। जिसके आधार पर बांग्लादेश में रहने वाले लोगों के
होम डिस्ट्रिक्ट में जांच के लिए पत्र भेजा गया। इस पत्र को भेजे करीब दो माह से अधिक हो चुका है। मगर अभी तक सिर्फ सौ लोगों की ही रिपोर्ट एलआईयू को मिली है। अभी तक कि रिपोर्ट में
किसी भी रोहिंग्या या बांग्लादेशी की पुष्टि नहीं हुई है।

फरवरी में एक ही मकान में पकड़े जा चुके हैं 11 बांग्लोदशी

बीते दिनों नोएडा की थाना सेक्टर-39 पुलिस ने सलारपुर स्थित एक मकान में छापा मारा था। यह मकान सुमित भाटी का था। पुलिस को मुखबिर से पता चला था कि यहां पर
बांग्लादेशी रह रहे हैं। इस सूचना पर पुलिस ने छापा मारा, तो तीन बांग्लादेशी भाग गए थे। जिनका पीछा किया, तो वह छत से कूद गए थे। हालांकि पुलिस ने घेराबंदी कर 11 बांंग्लादेशियों को
पकड़ लिया था। सभी को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया था। इसके अलावा कई थानों की पुलिस ने एक-एक बांग्लादेशी को पकड़ा था।

2008 में बांग्लादेशियों के खिलाफ चल चुका है अभियान

वर्ष 2008 में बांग्लादेशियों के खिलाफ तत्कालीन सरकार ने धर पकड़ का अभियान चलाया था। उस समय में लखनऊ में 50 हजार बांग्लादेशी घुसपैठ कर रहे थे। जबकि प्रयागराज में इनकी संख्या
करीब 30 हजार के करीब थी। बनारस में 15 हजार और कानपुर में 45 हजार के लगभग थी। खुद को असम का बताने वाले बांग्लादेशियों में से कुछ ने असम के विभिन्न जिलों से अपना पहिचान
पत्र बनवाया था। जबकि कुछ ने अपना जिस जिले में अपना ठिकाना बनवाया था, वहीं पर अपना पहिचान पत्र बनवा लिया था। यह रिपोर्ट तत्कालीन सरकार ने जांच के बाद जारी की थी। ऐसे लोगों
के खिलाफ पुलिस ने कानूनी कार्रवाई की थी।Noida News

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