Greater Noida News: यमुना प्राधिकरण की 85वीं बोर्ड बैठक आज बुधवार को आयोजित की जा रही है, जिसमें कई ऐसे प्रस्ताव रखे जाएंगे जो ग्रेटर नोएडा, मथुरा और अलीगढ़ के विकास की दिशा में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। यह बैठक प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास और यीडा (Yamuna Expressway Industrial Development Authority) के चेयरमैन आलोक कुमार की अध्यक्षता में होगी।
किसानों की लीजबैक और शिफ्टिंग के प्रस्ताव पर चर्चा
बैठक में किसानों से जुड़े दो महत्वपूर्ण मुद्दों—आबादी की लीजबैक और शिफ्टिंग—पर चर्चा की जाएगी। प्राधिकरण इन मसलों पर लंबे समय से किसानों के साथ बातचीत कर रहा है। अब इन प्रस्तावों को बोर्ड में स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। बोर्ड की हरी झंडी मिलने पर इन समस्याओं का समाधान संभव हो सकेगा, जिससे किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
मथुरा और अलीगढ़ में ज़मीन के मुआवजे और आवंटन दर पर फैसला
बैठक में मथुरा जिले में हेरिटेज सिटी परियोजना और अलीगढ़ में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के लिए ज़मीन अधिग्रहण से संबंधित मुआवजा और आवंटन दरें तय करने पर भी विचार होगा। ये दोनों प्रोजेक्ट क्षेत्रीय विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं और इनके ज़मीन अधिग्रहण में तेजी लाने के लिए यह कदम जरूरी है।
दंडात्मक ब्याज से राहत के लिए एकमुश्त समाधान योजना
यीडा एक बार फिर से सभी श्रेणियों के आवंटियों—जैसे आवासीय, संस्थागत, औद्योगिक और ग्रुप हाउसिंग—को दंडात्मक ब्याज से राहत देने के लिए एकमुश्त समाधान योजना (OTS) लाने जा रहा है। इस योजना के तहत जिन आवंटियों ने समय पर अतिरिक्त मुआवजा राशि जमा नहीं की है, उन्हें दंडात्मक ब्याज से राहत मिल सकेगी। यह योजना आवंटियों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है।
रेहड़ी-पटरी वालों को मिलेगा अपना प्लॉट
बैठक में तीस वर्गमीटर के आठ हजार से अधिक भूखंडों की योजना को भी स्वीकृति के लिए रखा जाएगा। यह योजना विशेष रूप से उन लोगों के लिए अहम है जो रेहड़ी-पटरी लगाकर जीविकोपार्जन करते हैं या स्थानीय फैक्ट्रियों में कार्यरत हैं। पहले भी यह योजना लाने का प्रयास किया गया था लेकिन बोर्ड की मंजूरी न मिलने के कारण इसे टालना पड़ा था। अब उम्मीद है कि इस बार प्रस्ताव को स्वीकृति मिल जाएगी।
जेपी एसडीजेड आवंटियों और सब लीज धारकों के मुद्दे भी आएंगे सामने
इसके अलावा बैठक में जेपी स्पेशल डेवेलपमेंट ज़ोन (JP SDZ) के आवंटियों और सब लीज धारकों द्वारा दिए गए आवेदनों की स्थिति से भी बोर्ड को अवगत कराया जाएगा। इससे संबंधित निर्णय भी बोर्ड द्वारा लिए जा सकते हैं।
यमुना प्राधिकरण की यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि इसमें उठाए गए मुद्दे केवल ग्रेटर नोएडा ही नहीं, बल्कि मथुरा और अलीगढ़ जैसे जिलों के भविष्य पर भी गहरा असर डाल सकते हैं। अब देखना होगा कि बैठक में कौन-कौन से प्रस्तावों को स्वीकृति मिलती है और किस दिशा में विकास की नई राहें खुलती हैं।
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