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Ravichandran Ashwin on Dewald Brevis Signing: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2025) के बीच सीजन में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) द्वारा दक्षिण अफ्रीका के युवा बल्लेबाज डेवाल्ड ब्रेविस को टीम में शामिल किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने इस मामले पर खुलकर बयान दिया था, जिसके बाद फैंस के बीच तरह-तरह की चर्चाएं होने लगीं. अब CSK के आधिकारिक बयान के बाद अश्विन ने भी अपने यूट्यूब चैनल के जरिए सफाई दी है और स्पष्ट कर दिया है कि इस पूरे मामले में किसी की कोई गलती नहीं है.
CSK के बयान पर अश्विन की सफाई
अश्विन ने कहा कि आज के दौर में स्थिति यह हो गई है कि खिलाड़ियों या टीमों को असली कहानियों पर भी स्पष्टीकरण देना पड़ता है. उन्होंने साफ कहा कि अगर किसी खिलाड़ी को चोट लगती है तो रिप्लेसमेंट लेना हर फ्रेंचाइजी का अधिकार है और यह IPL की शुरुआत से ही होता आया है. अश्विन ने बताया, “जब कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाता है, तो फ्रेंचाइजी उसके एजेंट और बीसीसीआई से संपर्क करती है और रिप्लेसमेंट के लिए अनुमति मांगती है. इसके बाद बोर्ड मंजूरी देता है और खिलाड़ी टीम से जुड़ता है. अगर इसमें कोई गड़बड़ होती, तो खिलाड़ी कभी भी फ्रेंचाइजी के साथ जुड़ ही नहीं पाता.”
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी पिछली टिप्पणी को लोगों ने अलग तरह से समझ लिया, जबकि उनका मकसद केवल यह दिखाना था कि डेवाल्ड ब्रेविस इस समय कितनी शानदार बल्लेबाज़ी कर रहे हैं.
IPL में रिप्लेसमेंट आम बात
अश्विन ने अपने बयान में IPL के इतिहास से भी उदाहरण दिए. उन्होंने कहा कि रिप्लेसमेंट का फायदा सिर्फ CSK ही नहीं, बल्कि कई टीमें उठाती रही हैं. उन्होंने आरसीबी का उदाहरण देते हुए कहा कि एक समय पर क्रिस गेल को भी रिप्लेसमेंट के तौर पर टीम में शामिल किया गया था और बाद में वह टूर्नामेंट के सबसे बड़े सुपरस्टार साबित हुए.
उन्होंने कहा, “IPL में चोटिल खिलाड़ियों के रिप्लेसमेंट लेना बिल्कुल सामान्य है. यह नियमों में मौजूद फ्लेक्सिबिलिटी है और हर टीम इसका इस्तेमाल करती है. अगर कुछ भी गलत होता तो बीसीसीआई मंजूरी ही नहीं देती.”
विवाद पर लगाया विराम
अश्विन ने साफ किया कि इस पूरे विवाद में न तो खिलाड़ी की कोई गलती है, न ही फ्रेंचाइजी की और न ही गवर्निंग बॉडी की. उन्होंने कहा कि फैंस को यह समझना चाहिए कि टूर्नामेंट लंबा होता है और ऐसे में खिलाड़ियों का चोटिल होना और रिप्लेसमेंट का आना स्वाभाविक है.
उन्होंने कहा, “अगर कोई फ्रेंचाइजी किसी खिलाड़ी की जरूरत महसूस करती है, तो वह रिप्लेसमेंट के लिए आवेदन करती है. इस पर बीसीसीआई की मंजूरी के बाद ही खिलाड़ी टीम से जुड़ता है. इसलिए इस मामले को बेवजह विवाद बनाने की कोई जरूरत नहीं है.”
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