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आकाश में भारत का झंडा लहराने के लिए तैयार है उत्तर प्रदेश का बेटा

UP News : उत्तर प्रदेश के युवा दुनिया भर में नाम रोशन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश का एक लाड़ला बेटा आकाश में भारत का झंडा गाड़ने जा रहा है। उत्तर प्रदेश का यह लाड़ला बेटा पूरे 41 साल बाद अंतरिक्ष की यात्रा पर जा रहा है। उत्तर प्रदेश के इस लाड़ले बेटे से पहले पंजाब प्रदेश का रहने वाला भारतीय बेटा राकेश शर्मा पहला अंतरिक्ष यात्री बना था।

खुले आकाश में भारत का झंडा गाड़ेगा उत्तर प्रदेश का बेटा

उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर का रहने वाला शुभांशु शुक्ला मई में आकाश में अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा करेगा। मूलरूप से उत्तर प्रदेश के लखनऊ शहर के रहने वाले भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 10 जून (कल) को Axiom-4 मिशन के लिए इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए रवाना होंगे। यह मिशन अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA का है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 10 जून से एक्सिओम-4 मिशन के तहत इंटरनैशनल स्पेस स्टेशन की यात्रा शुरू करेंगे। यह यात्रा राकेश शर्मा की रूस के सोयूज अंतरिक्ष यान से की गई अंतरिक्ष उड़ान के 41 साल बाद होगी।

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि 40 साल बाद यह पहला मौका है जब कोई भारतीय स्पेस में जाएगा। इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा स्पेस में गए थे। उत्तर प्रदेश का बेटा शुभांशु भारत के गगनयान मिशन में शामिल है। सिंह ने कहा कि ISRO जून में GSLV-मार्क 2 रॉकेट के जरिए NASA के साथ संयुक्त रूप से विकसित निसार उपग्रह को प्रक्षेपित करने के लिए तैयार है। जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘ग्रुप कैप्टन शुक्ला की यात्रा महज एक उड़ान नहीं है। यह इस बात का संकेत है कि भारत अंतरिक्ष की खोज के एक नए युग में साहसपूर्वक कदम रख रहा है।’ उन्होंने कहा कि ग्रुप कैप्टन शुक्ला का मिशन पहले से ही निर्धारित है। यह भारत के बढ़ते अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष सहयोग में एक मील का पत्थर है।

आकाश की यात्रा के लिए उत्साहित है उत्तर प्रदेश का बेटा

अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (आईएसएस) की यात्रा के लिए चुने गए भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा कि स्पेस सेक्टर में घरेलू स्टार्टअप की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। 39 वर्षीय शुक्ला को अमेरिकी कंपनी एक्सिओम स्पेस के मिशन 4 (एक्स-4) के लिए पायलट के रूप में चुना गया है। यह नासा और इसरो के बीच एक सहयोगी मिशन है। शुक्ला ने भारतीय अंतरिक्ष नीति-2023 की सराहना की और कहा कि इससे देश में अंतरिक्ष क्षमताओं को बढ़ाने में मदद मिली है।

एक्सिओम स्पेस मई में फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स ड्रैगन अंतरिक्ष यान का उपयोग करके मिशन को लॉन्च करेगा। शुक्ला ने कहा, ‘भारत में स्टार्टअप जिस गति से बढ़ रहे हैं, वह अभूतपूर्व है। “उन्होंने कहा कि ‘आने वाले वर्षों में इसमें और भी वृद्धि होगी, क्योंकि हमारे पास देश में असाधारण प्रतिभाएं हैं।’ उन्होंने बताया कि पहले के समय के मुकाबले आज देश के पास स्पेस सेक्टर के लिए एक क्लियर विजन और नीति है। शुक्ला ने कहा, ‘ भारतीय अंतरिक्ष नीति 2023 में इस बात की स्पष्ट रूपरेखा प्रस्तुत की गई है कि भारत को भविष्य में कहां जाना है और इसमें कार्यक्रमों, उनके विस्तार और फिर संभवतः 2040 तक चंद्रमा पर उतरने की रूपरेखा भी शामिल है।

उन्होंने आगे कहा, ‘स्पेस सेक्टर में टेक्नोलॉजी और विशेषज्ञता की भारी मांग है, जो इस सेक्टर में स्टार्टअप्स के लिए एक जगह बनाता है।’ शुक्ला ने कहा, ‘मुझे लगता है हम भविष्य में इस सेक्टर में काफी तेजी से आगे बढ़ने वाले हैं। ‘शुक्ला ने आगे कहा कि भारत हमेशा से ही अंतरिक्ष यात्रा करने वाला देश रहा है और देश को इस स्थिति तक पहुंचने में समय लगा। आज देश अंतरिक्ष मिशन के लिए जरूरी सभी पहलुओं जैसे अपनी स्वयं की टेक्नोलॉजी, लॉन्च व्हीकल, सैटेलाइट और ग्राउंड स्टेशन बना सकता है।

14 दिन तक काम करेगा उत्तर प्रदेश का लाड़ला बेटा

उत्तर प्रदेश का लाड़ला बेटा ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला पूरे 14 दिन आकाश में काम करके अपना मिशन पूरा करेगा। 14 दिनों तक चलने वाले एक्सिओम अंतरिक्ष मिशन के दौरान, चालक दल माइक्रोग्रेविटी में वैज्ञानिक प्रयोग, आउटरीच कार्यक्रम और कमर्शियल गतिविधियां करेगा। उत्तर प्रदेश के लाड़ले बेटे शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुआ था। उत्तर प्रदेश के इस लाड़ले बेटे की स्कूली शिक्षा लखनऊ के सिटी मांटेसरी स्कूल से हुर्ई है।

कारगिल युद्ध में भारतीय सेना के शौर्य को देखकर शुभांशु शुक्ला ने बिना अपने परिवार को बताए भारतीय सेना में भर्ती के लिए NDA की परीक्षा देकर उसे पास कर लिया। इस प्रकार उत्तर प्रदेश यह बेटा NDA के माध्यम से भारतीय वायु सेना में शामिल हो गया। शुभांशु शुक्ला की पत्नी का नाम डॉ. कामना है। उन दोनों का चार साल का एक बेटा भी है। शुभांशु शुक्ला के पिता का नाम शंभू दयाल शुक्ला है। शंभू दयाल शुक्ला उत्तर प्रदेश सरकार की सेवा से रिटायर हो चुके हैं। शुभांशु शुक्ला की दो बड़ी बहन हैं। वें अपने तीन बहन-भाईयों में सबसे छोटे हैं। उनकी सबसे बड़ी बहन का नाम निधि शुक्क तथा दूसरी बड़ी बहन का नाम सुचि शुक्ला है। दोनों बहनों को अपने भाई के ऊपर गर्व है।

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